मैं और श्री नारायण मूर्ति जी

मैं और श्री नारायण मूर्ति जी January 12, 2018Leave a comment

अभी कुछ दिन पहले न्यूज़ पेपर और सोशल मीडिया पर एक पोस्ट देखा, जिसमे इंफोसिस के जन्मदाता श्री नारायण मूर्ति श्री रतन टाटा के पाव छू कर आशीर्वाद ले रहे है। इतनी पॉवर फुल हस्तियां और इतनी सौम्य और विनम्र हो सकतीहै ये एक मिसाल है।
इसी कारण से मुझे एक मुलाकात याद आ गई।
किस्सा कुछ ऐसे है कि मैं जब अजमेर लघु उद्योग संघ का अध्यक्ष हुआ करता था तब ये विचार मन मे आया कि क्यों ना, अजमेर के उद्योगपतियों का एक समहू किसी अंतरास्ट्रीय प्रदर्शनी और सीख प्रवास पर ले जाया जाए। जैसे ही ये विचार अपनी कार्यसमिति के समक्ष रखा सभी को प्रस्ताव अच्छा लगा और एक 13 सदस्य का दल तैयार हो गया।
चाइना के केंटन फेयर और शंघाई शहर जाने का मानस बनाया और सारी तैयारियां पूरी हो गई।

हमे अजमेर से दिल्ली एयरपोर्ट और वहाँ से गौंझाऊ प्रस्थान करना था।

जब हम दिल्ली एयरपोर्ट के इकोनॉमी वेटिंग एरिया मे बैठ कर अपनी बोर्डिंग का इंतजार कर रहे थे तभी मुझे एक सज्जन वेटिंग एरिया में सबके बीच बैठे नजर आए। मेरी निगाहें उन पर रुक गई, मुझे लगा ये व्यक्ति बिल्कुल नारायण मूर्ति के जैसा दिख रहा है। फिर मैंने सोचा कि वो यहाँ इकॉनमी क्लास में क्या करेंगे ये सोच मै रुका लेकिन मुझे मेरा मन फिर बोला नही ये नारायण मूर्ति ही है।मैंने अपना संशय अपने साथियों को बताया, उन्हें भी यही लगा कि, ये लग तो वही रहे है लेकिन वो यहाँ कैसे हो सकते है। इतनी बड़ी कंपनी का मालिक जो प्राइवेट जेट रख सकता है वो तो फर्स्ट बिज़नेस क्लास में तो सफर करता ही होगा।
मेरा मन नही माना और मैं उन सज्जन के पास गया और बहुत धीरे से झिझकते हुए कहा ” सर् आप नारायण मुर्ती है?” मेरे आश्चर्य और ख़ुशी का ठिकाना नही रहा जब उस शक्श ने धीरे से मुस्करा कर कहाँ “yes I am murthi”

ओह माय गॉड इतनी सादगी इतनी विनम्रता! वाकई वे प्रेरणा पुंज है वाकई वे सौम्यता कि मूर्ति है।
उनसे बात हुई, उन्होंने हमसे पूछा कि चाइना कैसे जा रहे है हमने उन्हें हमारा प्लान बताया। तब उन्होंने हमें कई बातें बताई और कहा याद रखना आप केवल टूरिस्ट नही है आप भारत के कल्चर अम्बेसडर भी है। वहाँ कोई भी ऐसा काम नही करना जिससे भारत की इमेज को नुकसान पहुँचे।
हमने उनसे फ़ोटो के लिए निवेदन किया जो उन्होंने बडी सहजता से मान लिया। हमारे ग्रुप के फ़ोटो लेते लेते सारे वेटिंग लाउंज में खबर फैल गई। सारे लोग उनसे मिलने के लिए बेताब हो गए। तभी एयर लाइन के ऑफिसर आये और उनको अपने साथ ले गए।
ये एक यादगार मुलाकात थी।
फिर मिलूंगा आपसे एक नही कहानी के साथ
@RS Choyal

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