आज और कल की जरूरत- इनोवेशन (भाग 1)

आज और कल की जरूरत- इनोवेशन (भाग 1) May 24, 2020Leave a comment

कोविड 19 के चलते हम जिस दौर से गुजर रहे हैं इस दौर की कल्पना शायद ही किसी ने की होगी, मेरा ऐसा मानना है कि जब जब भी किसी महामारी ने मनुष्यता को चैलेंज किया हो, तब तब भले ही मनुष्य ने शुरुआत में उसके सामने घुटने टेके हो परंतु यह इंसान का ही संघर्ष है यह उसकी हिम्मत है कि वह हर बार, हर महामारी से बाहर निकल कर आया और उसने अपनी जिंदगी को फिर से संवार लिया। इस बात का इतिहास गवाह है, चाहे वह बात प्लेग, एड्स, सार्स, फ्लू या स्वाइन फ्लू की हो, इन सभी से इंसान ने अपने आपको जरूरत के हिसाब से ढाल कर अपनी जीत सुनिश्चित की है।
कोविड 19 के चलते आज पूरा विश्व रुक गया है विश्व में जहां लाखों लोग इससे पीड़ित हैं हजारों लोगो की जाने इस से गई है और अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। सारे उधोग धंधे लॉक डाउन है, जहाँ मांग है वहाँ सप्लाई नही है उत्पादन नही हो रहा। अपने आप को इस महामारी से बचाने के लिए सोशल डिस्टेंस रखना ही एकमात्र इलाज है। जितना हम घर में रहेंगे उतना ही इस महामारी पर काबू पा लेंगे। मेडिकल साइंस इस पर कार्य कर रही है और वैज्ञानिक जितना भी अभी तककर पाए है उससे यह भी लग रहा है कि जल्दी ही इसका इलाज मिल जाएगा।
यह तो रही इस महामारी से जीत की बात, लेकिन जब बात आएगी अर्थव्यवस्था की तो यह मानकर चलना होगा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर आते आते महीनों या साल भी लग सकते हैं।

मेरा मानना है कि अगर हम आज और आने वाले कल की जरूरतों को आज समझ लेते हैं और अपने आप को दूरदर्शीता के साथ हमारी रिसर्च और डेवलपमेंट को इस ओर केंद्रित कर देते हैं, कि किस तरह हम सोशल डिस्टेंसिंग के साथ फिजिकल डिस्टेंसिंग को अपनाएं और नए नए उत्पाद और इनोवेशन करके इस महामारी से उत्पन्न आर्थिक गिरवाट को वापस सही रास्ते पर लाने में योगदान दें।

इस क्रम में में इस श्रंखला को आगे बढ़ाना चाहता हूं कि हम अलग-अलग क्षेत्र में किस तरह से नवा चारों को अपनाकर देश की आर्थिक व्यवस्था में अपना योगदान कर सकते हैं साथ ही भारत के नागरिकों को उनके जीवन को सुचारू बनाने और इस वायरस से लड़ने योग्य बना सकते हैं। हम उधोग, व्यवसाय और सर्विस सेक्टर की जरूरतों को 5 हिस्सो में बांट सकते है
1 आवागमन या माल परिवहन
2 कच्चा माल
3 उत्पादन या प्रोसेस
4 मार्केटिंग सेल्स एंड सप्लाई
5 इन सब मे काम मे आने वाली प्रौद्योगिकी या टेक्नोलॉजी
इस सभी कार्य क्षेत्रों में हम अलग अलग तरीके से कैसे इन्नोवेशन कर सकते है इस पर इस लेख के माध्यम से विचार करेंगे।
मेरा कार्यक्षेत्र कार्यक्षेत्र फूड प्रोसेसिंग का है सबसे पहले मैं मेरे अनुभव के आधार पर सुझाव दूंगा। फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में किस तरह से हम अभिनव प्रयोग कर नए-नए उत्पाद विधि या मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी का निर्माण कर सकते जिससे कि हम “टचलेस” यानी कि इंसानी हाथों के छुए बिना खाद्य सामग्री का निर्माण कर सकें और हमारी फूड फैक्ट्री और वर्कर्स को सुरक्षित रख सकें।
इस क्रम में हम सबसे पहले निम्न प्रयोगों को ले सकते हैं।
किसी भी खाद्य आइटम की पहली कड़ी किसान होता है और किसानों को उनकी उपज का पूरा दाम दिलाने के लिए हम उनको मशीनों के अत्यधिक उपयोग पर आर्थिक मदद दे सकते हैं या उनको वह मशीन किराए पर दिला कर उनके प्रोसेस की लागत को कम कर सकते हैं साथ ही सरकार उनकी उपज को उनके खेत में ही स्टील साइलो में सुरक्षित रखने में उनकी आर्थिक मदद करें, जिससे समय आने पर ना केवल उनको पूरी कीमत मिलेगी बल्कि देश में पैदा हुए अन्न के एक-एक दाने को हम सहेज के रख सकेंगे। इस तरह के भंडारण के लिए साइलो सिस्टम जिसमें की कीटनाशक दवाइयों को जरूरत के हिसाब से ऑटोमेटिक फीड किया जा सके साथ ही मांग से ज्यादा उत्पाद होने पर डिहाइड्रेट कर वहीं प्रॉसेस कर उसको भविष्य की मांग के लिए सुरक्षित किया जा सके।
इसी के साथ सब्जी और फल के किसानों को कोल्ड स्टोरेज के छोटे रूप में बनाने में भी आर्थिक मदद मिले। और साथ ही पीपीपी मॉडल पर डिहाइड्रेशन के प्लांट सीधे उनके खेत तक जाकर उनकी फसल को जो कि अतिरिक्त है या बिकने से रह गई है या जो कम मूल्य में मार्केट में अधिक सप्लाई होने के कारण बिक रही है उसको डिहाइड्रेट करा कर भी रख लें और खाने की आइटम बनाने वाली फैक्ट्री को सप्लाई कर सकें।

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